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Showing posts from June, 2020

गहरा ज्ञान कबीर का

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कबीर परमात्मा का गहरा ज्ञान ☘️ अद्भुत ज्ञान कबीर परमेश्वर ने ही सतलोक के विषय में बताया कि ऊपर एक ऐसा लोक है जहां सर्व सुख है। वहां कोई कष्ट नहीं है। जिसकी गवाही संत गरीबदास जी ने दी है। गरीब, संखो लहर महर की उपजै, कहर जहां न कोई। दास गरीब अचल अविनाशी, सुख का सागर सोई।। 🌿तीनों देवताओं (ब्रह्मा, विष्णु, महेश) की वास्तविक स्थिति से परिचित करवाते हुए परमात्मा कबीर जी ने कहा :- तिनके सूत है तीनों देवा, आंधर जीव करत हैं सेवा। 🌿कबीर परमात्मा का तत्वज्ञान काल कौन है, कहां रहता है, वह हमें कष्ट क्यों देता है, काल के सभी कार्यों के बारे में परमात्मा कबीर जी ने ही विस्तार से बताया है । सतलोक पृथ्वी लोक से कितनी दूरी पर स्थित है और वहां कैसे जाया जा सकता है। यह जानकारी कबीर परमात्मा जी ने ही दी है । 🌿तत्वज्ञान कबीर साहेब ने ही हमें अवगत कराया कि हमें जन्म देने व मारने में काल (ब्रह्म) प्रभु का स्वार्थ है जोकि श्रीमद्भागवत गीता अध्याय 11 श्लोक 32 में कहता है कि मैं बढ़ा हुआ काल हूँ अर्जुन। 🌿कबीर परमात्मा जी का बताया परम गूढ़ ज्ञान कबीर परमात्मा ने अध्यात्म के बहुत ...

कबीर परमात्मा के चमत्कार

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  "मृत गऊ को जीवित करना"  सिकंदर लोधी ने एक गऊ के तलवार से दो टुकड़े कर दिये। गऊ को गर्भ था और बच्चे के भी दो टुकड़े हो गए।  तब सिकंदर लोधी राजा ने कहा कि कबीर, यदि तू खुदा है तो इस गऊ को जीवित कर दे अन्यथा तेरा सिर भी कलम कर (काट) दिया जाएगा। साहेब कबीर ने एक बार हाथ गऊ के दोनों टुकड़ों को लगाया तथा दूसरी बार उसके बच्चे के टुकड़ों को लगाया। उसी समय दोनों माँ-बेटा जीवित हो गए। साहेब कबीर ने गऊ से दूध निकाल कर बहुत बड़ी देग (बाल्टी) भर दी  तथा कहा -  गऊ अपनी अम्मा है, इस पर छुरी न बाह।  गरीबदास घी दूध को, सब ही आत्म खाय।।  चुटकी तारी थाप दे, गऊ जिवाई बेगि।  गरीबदास दूझन लगी, दूध भरी है देग।। और अधिक जानकारी के लिए व कबीर साहित्य के लिए क्लिक करें। 👇👇           KABIR

Miracles Of GodKabir

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Miracles 1. Lord Kabir made water flow in the dried out "Aami river", that flows through Magahar, which was cursed by Shivji to stay empty and Dry forever Must watch Sadhna TV from 7:30 to 8:30 p.m. Ishwar TV from 8:30 to 9:30 p.m. Miracles 2. The dry Vat tree also became green due to the Charanamrit (foot ambrosia) of God Kabir Ji, which is still located in the city of Bharuch in Gujarat in the form of a giant Vat tree which is known as Kabir Vat.